Mehandipur Balaji Chalisa is a popular prayer dedicated to
Lord Hanuman prayer. Mehandipur Balaji is a powerful and popular incarnation of
Hindu God Hanuman and He is worshipped in the famous Hanuman temple in Dausa in
Rajasthan.
दोहा
श्री गुरु चरण
चितलाय के धरें
ध्यान हनुमान ।
बालाजी चालीसा लिखे “ओम”
स्नेही कल्याण ।।
विश्व विदित वर दानी
संकट हरण हनुमान
।
मेंहदीपुर में प्रगट
भये बालाजी भगवान
।।
।।चौपाई।।
जय हनुमान बालाजी देवा
।
प्रगट भये यहां
तीनों देवा ।।
प्रेतराज भैरव बलवाना
।
कोलवाल कप्तानी हनुमाना ।।
मेंहदीपुर अवतार लिया है
।
भक्तों का उद्धार
किया है ।।
बालरूप प्रगटे हैं यहां
पर ।
संकट वाले आते
जहां पर ।।
डाकिनी शाकिनी अरु जिंदनीं
।
मशान चुड़ैल भूत भूतनीं
।।
जाके भय ते
सब भग जाते
।
स्याने भोपे यहां
घबराते ।।
चौकी बंधन सब
कट जाते ।
दूत मिले आनंद
मनाते ।।
सच्चा है दरबार
तिहारा ।
शरण पड़े सुख
पावे भारा ।।
रूप तेज बल
अतुलित धामा ।
सन्मुख जिनके सिय रामा
।।
कनक मुकुट मणि तेज
प्रकाशा ।
सबकी होवत पूर्ण
आशा ।।
महंत गणेशपुरी गुणीले ।
भये सुसेवक राम रंगीले
।।
अद्भुत कला दिखाई
कैसी ।
कलयुग ज्योति जलाई जैसी
।।
ऊंची ध्वजा पताका नभ
में ।
स्वर्ण कलश है
उन्नत जग में
।।
धर्म सत्य का
डंका बाजे ।
सियाराम जय शंकर
राजे ।।
आन फिराया मुगदर घोटा
।
भूत जिंद पर
पड़ते सोटा ।।
राम लक्ष्मन सिय हृदय
कल्याणा ।
बाल रूप प्रगटे
हनुमाना ।।
जय हनुमंत हठीले देवा
।
पुरी परिवार करत है
सेवा ।।
लड्डू चूरमा मिसरी मेवा
।
अर्जी दरखास्त लगाऊ देवा
।।
दया करे सब
विधि बालाजी ।
संकट हरण प्रगटे
बालाजी ।।
जय बाबा की
जन जन उचारे
।
कोटिक जन तेरे
आए द्वारे ।।
बाल समय रवि
भक्षहि लीन्हा ।
तिमिर मय जग
कीन्हो तीन्हा ।।
देवन विनती की अति
भारी ।
छांड़ दियो रवि
कष्ट निहारी ।।
लांघि उदधि सिया
सुधि लाए ।
लक्ष्मण हित संजीवन
लाए ।।
रामानुज प्राण दिवाकर ।
शंकर सुवन मां
अंजनी चाकर ।।
केसरी नंदन दुख
भव भंजन ।
रामानंद सदा सुख
संदन ।।
सिया राम के
प्राण पियारे ।
जय बाबा की
भक्त ऊचारे ।।
संकट दुख भंजन
भगवाना ।
दया करहु हे
कृपा निधाना ।।
सुमर बाल रूप
कल्याणा करे मनोरथ
पूर्ण कामा ।।
अष्ट सिद्धि नव निधि
दातारी ।
भक्त जन आवे
बहु भारी ।।
मेवा अरु मिष्टान
प्रवीना ।
भेंट चढ़ावें धनि अरु
दीना ।।
नृत्य करे नित
न्यारे न्यारे ।
रिद्धि सिद्धियाँ जाके द्वारे
।।
अर्जी का आदर
मिलते ही ।
भैरव भूत पकड़ते
तबही ।।
कोतवाल कप्तान कृपाणी ।
प्रेतराज संकट कल्याणी
।।
चौकी बंधन कटते
भाई ।
जो जन करते
हैं सेवकाई ।।
रामदास बाल भगवंता
।
मेंहदीपुर प्रगटे हनुमंता ।।
जो जन बालाजी
में आते ।
जन्म जन्म के
पाप नशाते ।।
जल पावन लेकर
घर जाते ।
निर्मल हो आनंद
मनाते ।।
क्रूर कठिन संकट
भग जावे ।
सत्य धर्म पथ
राह दिखावें ।।
जो सत पाठ
करे चालीसा ।
तापर प्रसन्न होय बागीसा
।।
कल्याण स्नेही ।
स्नेह से गावे
।
सुख समृद्धि रिद्धि सिद्धि
पावे ।।
दोहा
मंद बुद्धि मम जानके,
क्षमा करो गुणखान
।
संकट मोचन क्षमहु
मम, “ओम” स्नेही
कल्याणा ।।