Dhanvantari Stuti is a very popular prayer dedicated to
Hindu God Dhanvantari, who is the lord of medicine. He appeared with the elixir
of life (amruta) during the famous churning of ocean. The prayer is chanted on
Dhanteras or Dhanvantari Jayanti day which falls two days before Diwali.
The main benefit of chanting the prayer is that it blesses a
devotee with both physical and mental health.
Dhanvantari Stuti In Hindi
ॐ जय धन्वन्तरि
देवा, स्वामी जय
धन्वन्तरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा ॥
तुम समुद्र से निकले,
अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
आयुर्वेद बनाया, जग में
फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
भुजा चार अति
सुंदर, शंख सुधा
धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
तुम को जो
नित ध्यावे, रोग
नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास
खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
धन्वंतरिजी
की आरती जो
कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐजय धन्वन्तरि जी देवा॥