Pitra Aarti is chanted for the peace and progress towards mukti of the dead in the family. The importance of chanting Pitru Aarti is mentioned in the Garuda Purana. It should be chanted on the nakshatra and tithi a particular person died and also on Amavasya.
जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूं थारी।।
जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हू थारी ।।
जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूं थारी ।।
जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूं थारी।।
शरण पड़यो हूं थारी बाबा, शरण पड़यो हूं थारी।।
जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूं थारी।।
People performing Pitru pujas, shradha, panda daan and tarpan can chant the Pitru Aarti in the evening .
Pitru Aarti in Hindi
जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूं थारी।
शरण पड़यो हूँ थारी बाबा, शरण पड़यो हूं थारी।।
शरण पड़यो हूँ थारी बाबा, शरण पड़यो हूं थारी।।
आप ही रक्षक आप ही दाता, आप ही खेवनहारे।
मैं मूरख हूँ कछु नहिं जाणूं, आप ही हो रखवारे।।
मैं मूरख हूँ कछु नहिं जाणूं, आप ही हो रखवारे।।
जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूं थारी।।
आप खड़े हैं हरदम हर घड़ी, करने मेरी रखवारी।
हम सब जन हैं शरण आपकी, है ये अरज गुजारी।।
हम सब जन हैं शरण आपकी, है ये अरज गुजारी।।
जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हू थारी ।।
देश और परदेश सब जगह, आप ही करो सहाई।
काम पड़े पर नाम आपको, लगे बहुत सुखदाई।।
काम पड़े पर नाम आपको, लगे बहुत सुखदाई।।
जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूं थारी ।।
भक्त सभी हैं शरण आपकी, अपने सहित परिवार।
रक्षा करो आप ही सबकी, रटूं मैं बारम्बार।।
रक्षा करो आप ही सबकी, रटूं मैं बारम्बार।।
जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूं थारी।।
जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूं थारी।।
शरण पड़यो हूं थारी बाबा, शरण पड़यो हूं थारी।।
जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूं थारी।।