The first day Prayers for Navratri is dedicated to Goddess Shailputri. You can chant also prayers like Lalita Sahasranama on the day. It is chanted on September 22, 2025 during Sharad Navratri. It is chanted on March 30, 2025 during Chaitra Navratri. Navratri Day 1 Mantra in Hindi is given below. There are three mantras. First is Mool Mantra for first day of Navratri. Second is Dhyana Sloka dedicated to Goddess Shailputri. Third is a Stotra.
Navratri Day 1 Mool Mantra
वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्द्वकृतशेखराम्।
वृषारूढ़ा शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
Navratri Day 1 Dhyan Mantra
वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रर्धकृतशेखराम्।वृषारूढ़ा शूलधरां शैलपुत्री यशस्वनीम्॥
पूणेन्दुनिभांगौरी मूलाधार स्थितांप्रथम दुर्गा त्रिनेत्रा॥
पटाम्बरपरिधानां रत्नाकिरीटा नामालंकार भूषिता॥
प्रफुल्ल वंदना पल्लवाधरां कातंकपोलां तुग कुचाम्।
कमनीयां लावण्यां स्नेमुखी क्षीणमध्यां नितम्बनीम्॥
Navratri Day 1 Stotra
प्रथम दुर्गा त्वंहिभवसागर: तारणीम्।
धन ऐश्वर्यदायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम्॥
त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्।
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरी त्वंहिमहामोह: विनाशिन।
मुक्तिभुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रमनाम्यहम्॥
ओमकार: मेंशिर: पातुमूलाधार निवासिनी।धन ऐश्वर्यदायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम्॥
त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्।
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरी त्वंहिमहामोह: विनाशिन।
मुक्तिभुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रमनाम्यहम्॥
Navratri Day 1 Kavach
हींकार: पातु ललाटे बीजरूपा महेश्वरी॥
श्रींकारपातुवदने लावाण्या महेश्वरी।
हुंकार पातु हदयं तारिणी शक्ति स्वघृत।
फट्कार पात सर्वागे सर्व सिद्धि फलप्रदा॥
Shailputri Aarti
शैलपुत्री मां बैल असवार |करें देवता जय जय कार ||
शिव-शंकर की प्रिय भवानी |
तेरी महिमा किसी ने न जानी ||
पार्वती तूं उमा कहलावे |
जो तुझे सुमिरे सो सुख पावें ||
रिद्धि सिद्धि परवान करे तू |
दया करे धनवान करे तू ||
सोमवार को शिव संग प्यारी |
आरती जिसने तेरी उतारी ||
उसकी सगरी आस पुजा दो |
सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो ||
घी का सुंदर दीप जला के |
गोला गरी का भोग लगा के ||
श्रद्धा भाव से मंत्र जपायें |
प्रेम सहित फिर शीश झुकायें ||
जय गिरराज किशोरी अम्बे |
शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बे ||
मनोकामना पूर्ण कर दो |
चमन सदा सुख संम्पति भर दो ||