Ekadasi mata aarti is a prayer dedicated to Ekadasi Goddess,
the female energy that appeared from Lord Vishnu to defeat demon Mura. Ekadasi
Vrat is named after this female energy. Ekadasi Mata Aarti is a prayer
containing the name of all 24 Ekadasis in a year.
Ekadasi Mata Aarti
ॐ जय एकादशी,
जय एकादशी, जय
एकादशी माता।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥
ॐ जय एकादशी॥
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥
ॐ जय एकादशी॥
तेरे
नाम गिनाऊं देवी,
भक्ति प्रदान करनी।
गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी॥
ॐ जय एकादशी॥
मार्गशीर्ष
के कृष्णपक्ष की
उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई॥
ॐ जय एकादशी॥
पौष
के कृष्णपक्ष की,
सफला नामक है।
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै॥
ॐ जय एकादशी॥
नाम
षटतिला माघ मास
में, कृष्णपक्ष आवै।
शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै॥
ॐ जय एकादशी॥
विजया
फागुन कृष्णपक्ष में
शुक्ला आमलकी।
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की॥
ॐ जय एकादशी॥
चैत्र
शुक्ल में नाम
कामदा, धन देने
वाली।
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली॥
ॐ जय एकादशी॥
शुक्ल
पक्ष में होय
मोहिनी अपरा ज्येष्ठ
कृष्णपक्षी।
नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी॥
ॐ जय एकादशी॥
योगिनी
नाम आषाढ में
जानों, कृष्णपक्ष करनी।
देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी॥
ॐ जय एकादशी॥
कामिका
श्रावण मास में
आवै, कृष्णपक्ष कहिए।
श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए॥
ॐ जय एकादशी॥
अजा
भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी
शुक्ला।
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला॥
ॐ जय एकादशी॥
पापांकुशा
है शुक्ल पक्ष
में, आप हरनहारी।
रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी॥
ॐ जय एकादशी॥
देवोत्थानी
शुक्लपक्ष की, दुखनाशक
मैया।
पावन मास में करूं विनती पार करो नैया॥
ॐ जय एकादशी ॥
परमा
कृष्णपक्ष में होती,
जन मंगल करनी।
शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी॥
ॐ जय एकादशी ॥
जो कोई आरती
एकादशी की, भक्ति
सहित गावै।
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै॥
ॐ जय एकादशी ॥