How to observe Santan Saptami Vrat?
On the day of the Santan Saptami Vrat, those performing the vrat wake up early in the morning and offer prayers to Vishnu, Shiva and Parvati.In the afternoon special prayers are offered to Shiva and Goddess Parvati. Offerings made include paste of sandalwood, rice, lamps, naivedya (Prasad), supari and coconut.
दोपहर के समय तक इस व्रत की पूजा कर लेनी चाहिए। पूजा के लिए धरती पर चौक बनाकर उस पर चौकी रखते हुए उस पर भगवान शंकर व माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें। अब कलश की स्थापना करते हुए उसपर आम के पत्तों के साथ नारियल रखें।
वहीं इसके बाद आरती की थाली तैयार करते हुए उसमें हल्दी, कुमकुम, चावल, कपूर, फूल, कलावा आदि सामग्री रख लें। फिर भगवान के सामने दीपक जलाएं और फिर केले के पत्ते में बांधकर 7 मीठी पूड़ियों को पूजा स्थान पर रख दें। जिसके बाद संतान की रक्षा और उन्नति के लिए प्रार्थना करते हुए भगवान शंकर को कलावा अर्पित करें।
मान्यता के अनुसार पूजा के समय सूती का डोरा या फिर चांदी की संतान सप्तमी की चूड़ी हाथ में अवश्य पहननी चाहिए। माना जाता है कि संतान सप्तमी के पूजन के पश्चात धूप, दीप नेवैद्य अर्पित करने के बाद संतान सप्तमी की कथा जरूर पढ़नी या सुननी चाहिए। वहीं इसके बाद कथा पुस्तक का भी पूजन करना चाहिए। इसके बाद भगवान को भोग लगाकर व्रत खोलना चाहिए।
Related
Santan Saptami Vrat Katha - The Story